आज नई दिल्ली स्थित इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट में आयोजित “40 HOURS CERTIFICATION PROGRAMME ON MEDIATION” कार्यक्रम में सहभागिता कर संबोधित किया।
इस दौरान सुश्री पार्थवी आहूजा जी द्वारा लिखित ‘Law of Mediation’ पुस्तक का विमोचन किया गया। मध्यस्थता न्यायिक व्यवस्थाओं को सुलभ, त्वरित और प्रभावी बनाने का एक सशक्त माध्यम है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में सुधार का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।
इस अवसर पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह जी सहित अन्य गणमान्यजनों की गरीमामयी उपस्थिति रही।
इस दौरान सुश्री पार्थवी आहूजा जी द्वारा लिखित ‘Law of Mediation’ पुस्तक का विमोचन किया गया। मध्यस्थता न्यायिक व्यवस्थाओं को सुलभ, त्वरित और प्रभावी बनाने का एक सशक्त माध्यम है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में सुधार का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।
इस अवसर पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह जी सहित अन्य गणमान्यजनों की गरीमामयी उपस्थिति रही।
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आज नई दिल्ली स्थित इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट में आयोजित “40 HOURS CERTIFICATION PROGRAMME ON MEDIATION” कार्यक्रम में सहभागिता कर संबोधित किया।
इस दौरान सुश्री पार्थवी आहूजा जी द्वारा लिखित ‘Law of Mediation’ पुस्तक का विमोचन किया गया। मध्यस्थता न्यायिक व्यवस्थाओं को सुलभ, त्वरित और प्रभावी बनाने का एक सशक्त माध्यम है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में सुधार का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।
इस अवसर पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह जी सहित अन्य गणमान्यजनों की गरीमामयी उपस्थिति रही।
इस दौरान सुश्री पार्थवी आहूजा जी द्वारा लिखित ‘Law of Mediation’ पुस्तक का विमोचन किया गया। मध्यस्थता न्यायिक व्यवस्थाओं को सुलभ, त्वरित और प्रभावी बनाने का एक सशक्त माध्यम है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में सुधार का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।
इस अवसर पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह जी सहित अन्य गणमान्यजनों की गरीमामयी उपस्थिति रही।
BY Arjun Ram Meghwal






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